मयकश मे जाना

पलकों मे कैद चांदनी तेरे
ओठों मे सुर्ख रवानी है।
बिन तेरे मयकश मे जाना
ये बेकार जवानी है।।
              बिन तेरे मयकश मे.....
साथ बैठ के पीते है
लहजो पर तेरे जीते है
एक एक लहजे नशे मे तेरे
प्यार की एक रवानी है।।
               बिन तेरे मयकश मे.....
मधुरस मे डूबे हाथ तेरे
आ चल दे थोड़ा साथ मेरे
पता है तुझको मधुशाला मे
तु गढ़ती नई कहानी है।।
              बिन तेरे मयकश मे.....
मधुरस का मैं मधुकर हूँ
तेरे तप का भी वर हूँ
दे दे अपने हाथ से थोड़ा
जिसकी दुनिया दिवानी है।।
              बिन तेरे मयकश मे.....
मधुर मधुर मीठे बोलो मे
तीखें रस जल के घोलो मे
आ मिल कर अब पी जाते
फिर रचते नई कहानी है।।
              बिन तेरे मयकश मे.....

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