देश के कल्याण मे हर युवा एक साथ हो।

देश के कल्याण मे हर युवा एक साथ हो।
हर युवा मे देश के सम्मान की ही बात हो।

देश के परिधान को कुछ गीदड़ो ने घेर लिया है।
देश के इतिहास को कुछ लीडरों ने लील लिया है।
वतन के चमन से ही सिसकिया क्यूं आ रही।
है अगर सब साथ तो क्यों  आवाजें आ रही।

हर युवा का काम है तलवार सब के हाथ हो।
देश के कल्याण मे हर युवा एक साथ हो।

श्वान को कीमा की आदत कभी जाती नहीं।
मूर्खों के सामने इबादत काम आती नहीं।
देश के यौवन है हम सब हमी से कुछ आश है।
क्लींवता का इस धरा से हमीं से ही नाश है।

देश के स्वाधिनता मे सदैव आगे माथ हो।
देश के कल्याण मे हर युवा एक साथ हो।

व्यर्थ मे मत गवाओ उन पुराने नाम को।
सिंह साहब और शेखर जैसे पावन धाम को।
उनके यौवन याद है न,हा! भूल कैसे पाओगे।
मरते दम तक कह गए अरि अभी टकराओगे।

उनकी संग रह न सके अब तो एक साथ हो।
देश के कल्याण मे हर युवा एक साथ हो।

मैने गर चाह लिया बरदाई गालिब मीर देगे।
साथ सबका मिल गया जो शत्रु का सीना चीर देगे।
शत्रु मे दम कहाँ पर्वत जवानी तोड़ती है।
मृत्यु से डर कहाँ मयफांस जवानी मोड़ती है।

हे जवानों आओ एक हाथ मे सब हाथ हो।
देश के कल्याण मे हर युवा एक साथ हो।
          *"प्रिन्शु लोकेश"*

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