झूठ औं सच आधे आधे
सरला ने आवाज लगाई मालिक बचाओ।
मालिक ने कहा तुम दौड़ कर मेरे पास आओ।
मैं उससे छीन कर तुम्हारी इज्जत खुद ले लूगाँ।
अच्छे पत्रकार के सामने फिर तुम्हें वापस दे दूगां।
और अखबार मे आते ही हम भी चुनाव के लायक हो जाएंगे।
इस पंचवर्षी न सही उस पंचवर्षी पक्का विधायक हो जाएंगे।
फिर मस्जिद मे अल्ला औं मंदिर में राधे राधे।
नेता होने पे बोलेगें झूठ औं सच आधे आधे।
सरला ने फिर एक अंधे को आवाज लगाई।
आ मुझे बचा ले मेरे प्यारे अंधे भाई।
अंधा बचाने को पहुँचा उसका खून हो गया।
वहीं अंधा अगले जन्म में कानून हो गया।
कानून भी पुरानी चोट कि वजह से सच नहीं कहता।
अंधा कानून इसीलिए किसी का हक नहीं कहता।
अब वकीलो के भी पता नहीं क्या इरादे-उरादे।
कोर्ट पहुचने से पहले ही झूठ औं सच आधे आधे।
सरला तीसरी आवाज में खुदा को पुकारा।
अंबर से मेघों ने लगा कि थोड़ा स्वीकारा।
किन्तु वो आवाज बादल के गरजने की थी।
खुदा सुनता है बस ये बात कहने की थी।
फिर थक कर सरला खुद नग्न होने लगी।
यह देख क्रूर की क्रूरता भी रोने लगी।
क्रूर बोला अब हम ही बदल देते है इरादे।
झूठ तो झूठ है सच मे भी झूठ औं सच आधे आधे।
सरला ने क्रूर से उसका परिचय चाहा।
क्रूर बोला मैं तेरा अपना ही हूँ अभागा।
तू एक सहजता है देख तुझ में क्रूरता आ गई।
मैं तो क्रूर ही हूँ पर मुझ मे सहजता आ गई।
देख सरला मैं तुझे अपने साथ रखना चाहता था।
किन्तु तुमने हमसे भी ज्यादा क्रूरो को पुकारा था।
कहीं वो आ न जाए मैं चला! राधे राधे।
झूठी दुनिया तुम रहो!बोलो!झूठ औं सच आधे आधे
_प्रिन्शु लोकेश
मालिक ने कहा तुम दौड़ कर मेरे पास आओ।
मैं उससे छीन कर तुम्हारी इज्जत खुद ले लूगाँ।
अच्छे पत्रकार के सामने फिर तुम्हें वापस दे दूगां।
और अखबार मे आते ही हम भी चुनाव के लायक हो जाएंगे।
इस पंचवर्षी न सही उस पंचवर्षी पक्का विधायक हो जाएंगे।
फिर मस्जिद मे अल्ला औं मंदिर में राधे राधे।
नेता होने पे बोलेगें झूठ औं सच आधे आधे।
सरला ने फिर एक अंधे को आवाज लगाई।
आ मुझे बचा ले मेरे प्यारे अंधे भाई।
अंधा बचाने को पहुँचा उसका खून हो गया।
वहीं अंधा अगले जन्म में कानून हो गया।
कानून भी पुरानी चोट कि वजह से सच नहीं कहता।
अंधा कानून इसीलिए किसी का हक नहीं कहता।
अब वकीलो के भी पता नहीं क्या इरादे-उरादे।
कोर्ट पहुचने से पहले ही झूठ औं सच आधे आधे।
सरला तीसरी आवाज में खुदा को पुकारा।
अंबर से मेघों ने लगा कि थोड़ा स्वीकारा।
किन्तु वो आवाज बादल के गरजने की थी।
खुदा सुनता है बस ये बात कहने की थी।
फिर थक कर सरला खुद नग्न होने लगी।
यह देख क्रूर की क्रूरता भी रोने लगी।
क्रूर बोला अब हम ही बदल देते है इरादे।
झूठ तो झूठ है सच मे भी झूठ औं सच आधे आधे।
सरला ने क्रूर से उसका परिचय चाहा।
क्रूर बोला मैं तेरा अपना ही हूँ अभागा।
तू एक सहजता है देख तुझ में क्रूरता आ गई।
मैं तो क्रूर ही हूँ पर मुझ मे सहजता आ गई।
देख सरला मैं तुझे अपने साथ रखना चाहता था।
किन्तु तुमने हमसे भी ज्यादा क्रूरो को पुकारा था।
कहीं वो आ न जाए मैं चला! राधे राधे।
झूठी दुनिया तुम रहो!बोलो!झूठ औं सच आधे आधे
_प्रिन्शु लोकेश
Comments
Post a Comment