खुद का दिल खुद पूछ लेगा, कौन आता है दिलो मे। रात भर यह सोचोगी जो, मौन होता है दिनो मे।। फिर कहोगी वो ही मेरा, प्यार का आधार है। यूं मचल मन फिर कहेगा, वो भी तो लाचार है।। मेरी गंधवाही ये जुल्फें, टूटी जब टकरा के उससे। मुझसे माफी मागा था, प्यारा भी बोला था मुझसे।। प्यार करता है वो मुझसे, देखने आता है किलो मे। खुद का दिल खुद पूछ लेगा, कौन आता है दिलो मे।१। मेरे प्रणय समर मे क्या वो, मेरा साथ निभाएगा। कैसे पूछू हिचक रही हूँ, क्या प्यार मे कदम मिलाएगा। पर आंखें से लगता है उसके, छाव मिलेगी हमको भी। वो प्यारा सा प्यार मिलेगा, चाव मिलगे हमको भी। खुद का दिल खुद पूछ लेगा, कौन आता है दिलो मे। रात भर यह सोचोगी जो, मौन होता है दिनो मे।२।
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