सहयोग(एकांकी)
सहयोग
पात्र :
मयूरी - प्रेमिका
अभिनव - प्रेमी(अभि)
सूरज- मयूरी और अभि का फ्रेंड(भाई)
शीतल - मयूरी और अभि की फ्रेंड(बहन) ज्योति - मयूरी की बचपन की सहेली
प्यार दुनिया का सबसे अलग और अच्छा एहसास है, जिसमें न खाने की भूख न ही आँखों में नींद।है तो बस प्रेमी का साथ और प्यार की भूख इस एहसास से तो हमारी कहानी के पात्र भी नही बच पाये।यह सुगम एहसास मयूरी और अभिनव को भी प्राप्त हुआ जो एक दूसरे की जान है ,वह शायद दुनिया में एक दूसरे के लिए ही आये हैं।अभिनव मयूरी और मयूरी अभिनव के दिल की धड़कन व सांसे हैं।अभि यानि अभिनव जो19 साल का नवजवान गोरा, लंबे कद व अच्छी सेहत, भरे गाल और काले घुंघराले बाल वाला लड़का था।जिसकी आँखों में मासूमियत व लोगों को आकर्षित करने वाली दिव्य चमक थी।उसके होठ मानो दिल की सच्चाई बयां कर रहे हो।इन सब के बावजूद वह दिल का साफ और दोस्तों के जान हाजिर कर देने वाला लड़का था, उसके दिल में लड़कियों के स्नेह व सहायता का भाव उमड़ उमड़ कर भरा था।शायद यही सब आदतें मयूरी को भा गयी। वह अभि को अपनाने में मजबूर हो गई।इन दिनों के प्यार की शुरुआत सोशल साइट पर हुई, मयूरी को अभि ने फेसबुक पर मिला जहाँ उसने अपने प्यार का इज़हार किया, दोनों एक दूसरे से खूब बात करते और अपनी ज़िंदगी की हर छोटी बड़ी बात साझा करते साथ ही अपनी ज़िंदगी के सपनो को देखते।एक दिनयू ही मयूरी ने बात करते करते कहा “अगर यह fb न होती तो शायद आज तुम मुझे न मिले होते” तो इस पर अभि ने जवाब दिया कि वह उससे पहले ही एक चौराहे पर देख चुका है, उसको मयूरी वही पसंद आ गई और अभि को मयूरी की सुंदरता और चंचलता ने वही उसका दीवाना बना दिया था।अभि अब मयूरी को उस दिन की बात बता रहा है जब उसने उसको पहली बार देखा था:
SEEN - 1
कॉलेज की वार्षिक परीक्षा का अंतिम दिन, मयूरी इम्तिहान देकर घर लौट रही थी।दोपहर के करीब 3:30बज रहे होंगे हालाँकि इस समय धूप कम होती है, परन्तु मई का महीना होने के कारण गर्मी अपनी चरम सीमा पर थी।मयूरी घर लौटते वक्त चौराहे के पास नीम के पेड़ के नीचे लगी एक जूस की दुकान पर खड़ी होकर जूस पीने लगी।वहाँ और भी कई लड़कियां थीं।तभी अचानक अभि की नज़र एक लंबे कद वाली ,पतली, गोरी सी,काले लम्बे बालों वाली लड़की पर पड़ी जिसका चेहरा 5 साल के बच्चे की तरह मासूम था।उसकी आँखे ज्यादा बड़ी और सुन्दर तो नही थी परंतु उनमें चमक लोंगो को दीवाना बनाने वाली थी।दिल की सच्चायी उसके होंठों की मुस्कान बयां कर देती थी।यह लड़की कोई और नही मयूरी थी, जिसने 2 मिनट में अभि को अपना दीवाना बना दिया।उस पल तो मानो अभि की जिंदगी थम सी गयी उसके लिए सब कुछ रुक गया, कोई शोर कोई पुकार उस पर बेकार थी।उसको बस मयूरी की चंचलता और सहेलियों से की गयी ठिठोली ही सुनायी पड़ रही थी।मयूरी का यूं आँखे मटकाकर बात करना तो अभि को उसका चेहरा भूल ही नही। वह चुपचाप वंही दूर खड़े यह देखता रहा और जब मयूरी हँसे तब वह भी मुस्कुरा रहा था। उन चंद पलों में अभि ने न जाने कितने ख्वाब देख डाले ,इस पल में उसको प्यार के संकेत मिलने लगे, फिर वह अपने सिर पर हाँथ मारते हुए और आँखे नचाते हुए वहाँ से चला गया।मयूरी भी अपनी चंचलता और उदारता लिए घर के लिए बस में बैठ गयी।
SEEN - 2
मयूरी बड़ी तेज़ व पढ़ने में होशियार लड़की थी। उसके पापा ने उसकी पढ़ाई में सहायता के लिए अच्छा सा स्मार्ट फोन दिया था। वह जमाने से कदम से कदम मिलाकर चलने वाली लड़की थी, तो उसने हर सोशल साइट्स पर एकाउंट बना रखा था और अपनी फ़ोटो डाल रखी थी। रोज की तरह आज भी वह कॉलेज से आने के बाद सारा काम ख़त्म कर फ़ोन पर जुट गयी हालांकि फ़ोन पर कुछ करते ही न जाने क्यू उसके घर वालों का मुँह फूल जाता था।उसने अचानक देखा कि उसको किसी ने एक fb ग्रुप में ऐड कर दिया है। दो दिन तक वह कुछ नहीं समझ पायी क्योंकि वह किसी को नही जानती थी, उस पर इतना जरूर जानती थी कि उसको इस ग्रुप में शीतल(मयूरी की fb फ्रेंड) ने ऐड किया है।शीतल ने मयूरी से आज से पहले कभी बात नही की थी फिर उस ग्रुप में शीतल ने मयूरी से बात करने की पहल की, तब मयूरी ने भी उत्तर देना शुरू कर दिया:
शीतल: बहुत शांत हो मयूरी, बोल नही रही हो?
मयूरी: मैं यहाँ किसी को जानती नही हु, इसलिए चुप हूं।
शीतल: कोई बात नही जान जाओगी, hye I'm sheetal.
मयूरी: hello शीतल
शीतल: आप कहा से हो?
मयूरी: up ,गोरखपुर और आप (and u) ?
शीतल: up फ़तेहपुर
मयूरी: अच्छा
शीतल: हाँ, आप क्या करती हो study में?
मयूरी: बी. ए.(1year) और आप?
शीतल: बी. एस. सी.(2 year)
मयूरी: ok
मयूरी और शीतल की बात चल ही रही थी कि तभी वँहा अभि का आना होता है, उसने मयूरी की प्रोफाइल देख रखी थी, और उसे पहचान गया “ अरे ये तो वही है जिसे मैंने चौराहे में देखा था” अभि को आज जैकपॉट मिलने वाली ख़ुशी मिल गयी थी,वह मन ही मन मुस्कराया और उसने यह बात सूरज को बतायी। सूरज अभि का बहुत अच्छा दोस्त था उसे वह भाई से बढ़कर मानता और हर बात बताता था। फिर उसने मयूरी से बात करना शुरु किया:
अभि: Hye मयूरी जी
मयूरी: Hello!
अभि: कैसी हो?
मयूरी: अच्छी और आप?
अभि: मैं भी अच्छा हूं।
मयूरी: ok
अभि: मयूरी request accept करो और inbox में आओ please।
मयूरी: ok
अब अभि और मयूरी inbox में बात करने लगे…..
अभि: hye
मयूरी: hlo
अभि: मयूरी आपकी आंखे बहुत अच्छी है।
मयूरी: जी शुक्रिया(Thank you)
अभि: welcome
मयूरी: आप क्या करते हैं study में?
अभि: बी.ए.(2 year) तुम?
मयूरी: मैं बी .ए.(1year)
ऐसे दोनों में बातचीत शुरू हो गई। दोनों ज्यादा से ज्यादा बातें करते और मयूरी को पता ही नही चला कि उसके दिल में अभि के लिए प्यार पनप रहा है लेकिन वह अभी उसको सिर्फ एक अच्छा दोस्त मानती थी। अभि रोज़ पूछता रहा की “ तुम भी क्या मुझसे प्यार करती हो?” लेकिन मयूरी ने सिर्फ अच्छा दोस्त बताया तो इस पर एक दिन अभि ने उससे दूर होने का फैसला सुना दिया। दो दिन तक दोनों में कोई बात नहीं हुई।अभि की मासूमियत, सच्चायी और उसका प्यार मयूरी को दिन रात सताने लगा, अब उसको एक पल भी उसके बिना अच्छा नही लग रहा था। वह हर जगह अभि की कमी महसूस करने लगी फिर उसने अपने दिल की बात अभि को बताई और प्यार का इज़हार किया। इस तरह दोनों के प्यार की शुरुआत हुई। इनका प्यार एक खूबसूरत जवान लड़की की उम्र और खूबसुरती की तरह बढ़ रहा था।इनकी बातें और प्यार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही गया। वे एक दूसरे से अपनी भावनाएं साझा करने लगे।
SEEN-3
कोई भी प्रेम कहानी बिना किसी के सहयोग के पूरी नही होती , तो अभि और मयूरी की कैसे हो सकती थी। उन दोनों के बीच की कड़ी था सूरज। सूरज अभि का सबसे अच्छा दोस्त था ,जिसे वह जान से भी ज्यादा प्यार करता था और दिल से मानता था। सूरज की मुलाक़ात मयूरी से इसी ग्रुप में हुयी। दोनों की ज्यादा बात नही होती थी पर जब मयूरी को पता चला की अभि को सूरज से ज्यादा कोई और नही जानता और और अभि के लिए सूरज ही सबकुछ है तो मयूरी ने भी सूरज को भाई1बना लिया। सूरज को भी अब एक छोटी सी बहन मिल गयी थी। अब मयूरी अभि से ज्यादा सूरज से बात करने लगी ,वह सूरज को हर छोटी बड़ी बात बताती थी। सूरज अब अभि से मयूरी का भाई हो चुका था हालाँकि दोनों ने कभी एक दूसरे की सकल नही देखि थी, लेकिनवे दोनों भाई बहन की अलग ही परिभाषा थी ।अभि की हर छोटी बड़ी जानकारी वह सूरज से लेती की वह कब और कहा क्या कर रहा है?
SEEN - 4
जो सच्चे दिल से प्यार करता है वह अपने प्यार को खोने का डर भी समझता है, परन्तु कई बार किस्मत न जाने क्या न करवा दे। अभि और मयूरी के साथ भी यही हुआ। वह मयूरी से बहुत प्यार करता था और भी उससे।एक दिन अचानक मयूरी ने अपनी बचपन की सहेली ज्योति को सब कुछ अपने और अभि के प्यार के बारे में बताया और ग्रुप में ऐड किया। ज्योति मयूरी की सबसे अच्छी दोस्त थी। वह उससे कोई बात नहीं छिपाती थी, इसलिए यह भी बता दिया था। जब अभि को पता चला तो उसने मयूरी को बहुत डांटा और फिर समझाया कि अगर कभी उसका उसकी सहेली से झगड़ा हुआ तो वह कहीं उसके घर में न बता दे तो कुछ परेशानी हो। मयूरी ने इसको नज़र अंदाज़ कर दिया। सभी बात करने लगे ज्योति भी अब इनसब से घुल मिल गयी थी। एक दिन बात करते करते अभि ने मज़ाक में मयूरी को उल्टा सीधा(उपसब्द)बोल दिया। मयूरी ने भी समझा कि मज़ाक में बोला है तो उसने भी नज़रन्दाज़ कर दिया। पर यह बात ज्योति को फूटी आंख न भाई। उसने तुरंत ग्रुप छोड़ दिया। जब मयूरी ने पूछा तो उसने कहा कि उसको यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आयी कि जो तुमसे प्यार करता है वो तुम्हरे लिए बुरा कैसे बोल सकता है।उसने मयूरी को उसके लिए अपमान का एहसास दिलाया तो मयूरी ने भी लोकलज़्ज़ा व आक्रोश में आने के कारण अभि से झगड़ा कर लिया हालाँकि वह दिल से ऐसा नहीं चाहती थी। उसने अपना फ़ैसला सुना दिया तो इस पर अभि ने भी गुस्से में हाँ बोलकर दूर हो गया। दोनों का उस दिन breakup हो गया था। दोनों एक दूसरे से दूर हो गए किसी को अब किसी से मतलब नहीं रहा। मयूरी को कभी कभी लगा कि उसने जो किया वह सही नहीं किया उसको ऐसे किसी की बात पर फ़ैसला नही लेना चाहिए था। दोनों की जिंदगी में वियोग रस का प्रवेश हो चुका था। इधर हर रोज मयूरी अभि के लिए तड़पती तो दूसरी ओर अभि मयूरी के लिए पागल हो चुका था। वह किसी से भी सही से बात नहीं करता था। सबसे गुस्सा करता। इन सबके के बाद भी उसने कभी मयूरी को अकेला नहीं छोड़ा। वह हर रोज किसी नए व्यक्ति के रूप में उससे बात करता रहा। इस बात का पता मयूरी को कभी नहीँ चला। अभि मयूरी से नफ़रत का नाटक करने लगा, पर दोनों के मन में अभी भी फिर से मिलने की उम्मीद की किरण बाकि थी।
SEEN-5
अभि और मयूरी को अलग हुए अब 2 महीने हो चुके थे परंतु दोनों में प्यार अभी भी बरकरार था। एक दिन अचानक अभि का msg मयूरी को आया और दोनों में काफ़ी देर तक बात हुयी दोनों ने एक दूसरे से अपनी शिकवा शिकायत की। अलग होने की वजह पर घंटो तक बहस चलने के बाद फिर दोनों फिर से बात करने के नतीज़े पर पहुँचे……
अभि: तुमने बिना अपने प्यार को जाने छोड़ दिया था न, किसी के कहने पर कोई प्यार को छोड़ता है क्या?
मयूरी: मैं गलत थी। मुझे समझ ही नहीँ आया था,और जो किया गुस्से में किया, तुमको भी गुस्सा न करके समझाना चाहिए था, रोकना था न।
अभि: तुमने मेरी बात न तो सुनी और न ही समझी तभी छोड़कर चली गयी थी।
मयूरी: हां गलती की थी I'm sorry!
अभि: sorry मत बोलो, अब कभी ऐसा करोगी?
मयूरी: कभी नही अब किसी की बात पर तुमको नही छोडूंगी, दोस्ती अपनी जगह है और प्यार अपनी जगह।
अभि: ok, अब कभी मत जाना, मैं तुम्हारे बिना नही रह सकता मयूरी।
मयूरी: ok, मैं भी,love you।
अभि: love you too.
इस तरह दिनों में बातचीत का सिलसिला फिर से शुरू हो गया और दोनों पहले से ज्यादा समझदार और एक दूसरे को समझने लगे हैं।एक दूसरे के मज़ाक को दिल से नही लेते हैं। मयूरी भी अब कोई ऐसा काम नही करती जिससे अभि को तकलीफ हो पर अभि मयूरी को जलने के लिए ग्रुप में लड़कियों से बात करता है, पर मयूरी को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योकि उसका विश्वास अटल है। दोनों साथ में ख़ुशी ख़ुशी रहते हैं एक दूसरे की दिल से इज़्ज़त करते हैं । इस तरह दोनों के प्रेम की गाड़ी चल पड़ी अब यह कहाँ रुकेगी किसी को नही पता।
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